रश्मि लता मिश्रा

ईश्वर आ जाओ भजते।


 


मंदिर देखो तो सजते।


 


धीरज माँगा है चलते।


 


सूरज जाता है जलते।


 


छूकर ऊँचाई कहता।


 


आकर ज्वाला भी सहता।


 


चाँद रहा देखो नभ में।


 


झाँक रहा लेके कसमे।


 


बाग झरे देखो झरने।


 


बोल लगे मीठे बहने।


 


 


आकर माँगा है वर ये।


 


लेकर जाना है दर से।


 


 


रश्मि लता मिश्रा


बिलासपुर सी जी।


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