रत्ना वर्मा

" स्वतंत्रता की संघर्ष पूर्ण कहानी "


आओ सुनाती हूँ तुम्हे स्वतंत्रता संघर्ष की कहानी ,


 देश पर मर मिटेन वालों की संघर्ष पूर्ण जवानी। 


जब गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी थी भारत की आजादी। 


तब आजादी के ख्वाब देखने वाले वीर क्रांतिकारियों 


ने दी थी नारा इंकलाबी .....आओ सुनाती हूँ तुम्हे स्वतंत्रता संघर्ष की कहानी ......


 


गीत अभी भी गुंजित होते हैं कानों में ...


तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें दूँगा आजादी ....


अधिकार से मैं ले कर रहूँगा स्वराज ....


नहीं डरूंगां ले कर रहूँगा आजादी ...


आओ सुनाती हूँ तुम्हे स्वतंत्रता संघर्ष की कहानी। 


 


 


स्वतंत्रता सेनानियों से पूछो ....जब संकल्प लिया था 


भारत छोड़ो .. .तब मर रही थी अंग्रेजों की नानी ...


हाँ हाँ यही कहानी ....उन्नीस सौ बेयालिस में ...


छिड़ा आन्दोलन सपना पूरा हुकआ उन्नीस सौ सैतालिस में ..... आओ सुनाती हूँ तुम्हे स्वतंत्रता संघर्ष की कहानी . ...


 


अल्प आयु में मारे गये अनगिनत वीर क्रांतिकारी,


 तब जा कर मिली हमें आजादी, वंदेमातरम का ...


जय घोष हुआ अपने दम पर जी जिंदगानी ...


सच्चे देश भक्त ने गाया यह गीत ...सरफरोशी की तमन्ना 


अब भी हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजुए ।


 


 


 


 रत्ना वर्मा


 धनबाद -झारखंड


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