रत्ना वर्मा

आज देश भक्ति सिमट कर रह गई है ।


  हर दिन हमें देश के लिए सोचना चाहिए। इसके लिए 


एक निर्धारित दिन ही क्यू! आज स्वतंत्रता के लिए नहीं 


आतंकवाद और भ्रष्टाचार के लिए लड़ना है। यह लड़ाई 


लड़ना तो बहुत जादा गंभीर है, क्यों कि ये लड़ाई अपनों 


से लड़नी है।


पुराने जमाने में देश की ऐसी स्थिति न थी। हम गुलाम 


जरूर थें पर चोर ,उचक्कें ,मवाली नहीं थें। 


आपसी प्यार बहुत था। लोग एक दूसरे की मदद को


हमेशा तैयार रहते थें। 


लोगों की सोच अब के माहौल से बिलकुल भिन्न थीं। 


हर एक के दिल में देश प्रेम का जज़्बा था- लोग एक 


दूसरे की मदद को तैयार रहते थें। 


 आज देश में जिनको न्याय मिलनी चाहिए वही दर- दर भटक रहा है। सत्य बोलने पर लोग उसे पागल करार दे कर हवालात में बंद कर देते हैं। 


 ज़रा कुछ हुआ कि नहीं सरकारी सम्पत्ति को लोग 


नुकसान पहुंचाने लगते हैं। 


     कई ऐसे ज्वलंत मुद्दे हैं जिन्हें आपसी ताल मेल 


से हल किया जा सकता है ।


लेकिन इन सब के लिए राजनीति से हटकर समझदारी 


की जरूरत होगी।  


   यही समझदारी वास्तविक स्वतंत्रता दे सकती है ।


   अभी आज ही कश्मीर में आतंकी हमले में हमारे 


दो जवान मारे गए । बहुत दुःख होता है जब हमारे 


जंबाजों पर ऐसे हमले होते है ।


    देश बहुत है दुनिया में, 


पर देश भारत जैसा कोई नहीं!


हर मज़हब के लोग यहाँ-


देते हैं एक दूसरे को सम्मान,


बोलो - मेरा भारत है महान !


 


कोरा बेदाग भोला भाला ,


निश्छल मन सालार ।


उत्तर में गिरीराज हिमालय,


दक्षिण में सागर विशाल ।


बोलो मेरा भारत है महान।।


 


कविता ,काव्य, शेर ,गज़ल-


भजन, गीत अरू नाद से ...


होवत ईहां विहान ....


 भावना कल्पना आलमे विशाल,


बोलो मेरा भारत है महान। ।


      ऐसा सुन्दर देश है मेरा , तो कल्पना भी 


अच्छी होनी चाहिए .......


हमारे पिता- स्व श्री बद्री नारायण मेहता (स्वतंत्रता सेनानी) से ही हमें देश भक्ति विरासत में मिली है ।


आज करीब दस साल से ....


 हम नमन भारत की एक पोस्ट नियमित अपने 


फेसबुक वाॅल पर लोगों को जागरूक करने के लिए 


पोस्ट करतें हैं। हमें इससे संतुष्टि मिलती है। 


अंत में अपने देश के लिए यही कहना चाहूंगी ...


 


   ये धरती हिदुस्तान की , विकास होना चाहिए। 


    आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए।।


    मज़हब कोई भी हो, सम्मान होना चाहिए। 


    संस्कृति संस्कार का, विकास होना चाहिए।।


   द्वेष घृणा विद्वेष का, नास होना चाहिए। 


    मानव को मानवता का, ज्ञान होना चाहिए।।


  ये धरती हिदुस्तान की, विकास होना चाहिए...


  देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयाँ  


   


                      


                                


                            रत्ना वर्मा 


                                       सरायढेला 


                                  धनबाद- झारखंड 


                     संपर्क सूत्र- 9031695448


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