ओ!मेरी जन्मदाता।
तेरी वजह से ही मैं बहुत कुछ पाता।
लेकिन तुझसे भी बढ़कर है,मेरे लिए भाग्य-विधाता।
वो,है,मेरी 'भारत माता'।
ओ!मेरी अर्धांगिनी।
तू,है,मेरी संगिनी।
तो 'भारत माता' है,मेरी सर्वस्व ।
जिसका अनुकरण करता पूरा विश्व ।।
ओ!मेरी बहना अभी है,राखी दूर।
तू,है बस रक्षा-सूत्र बाँधने में चूर।
मैं भी हूँ, मज़बूर।
'भारत-माता' की रक्षा के लिए मरना है मंजूर ।।
ओ!मेरे मार्गदर्शन पिता!
तुझसे है,मेरे जन्मों का नाता।
लेकिन मुझे मातृभूमि-प्रेम भाता।
क्योंकि हम-सब की है,एक 'भारत माता'।।
ओ!मेरी पुत्री, यदि मैं वापस न आऊं।
और देश-हित मिट्टी में मिल जाऊं।
तो रखना लाज तू ,मेरी बेटी।
बन जाना तू भी राष्ट्र-खातिर भारत माता की मिट्टी।।
नाम-रूपा व्यास,
पता-व्यास जनरल स्टोर, न्यू मार्केट, दुकान न.07,'परमाणु नगरी'रावतभाटा
जिला-चित्तौड़गढ़(राजस्थान)
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