संदीप कुमार विश्नोई

जला कर राख तुम कर दो , उठाया नैन जो जाए , 


हमारे देश की सरहद , कभी दुश्मन न छू पाए। 


 


चलो सब शान से वीरो, तिरंगा साथ में ले कर , 


उड़ा दो शीश अरिदल के , कटारी हाथ में ले कर। 


बहुत पावन लगे मन को , हमारा पर्व आजादी , 


दिए बलिदान वीरों ने , बनी है गर्व आजादी। 


 


कहीं तोता कहीं मैना , कहीं बुलबुल यहाँ गाए , 


हमारे देश की सरहद , कभी दुश्मन न छू पाए। 


 


बही थी खून की नदियाँ , हमारे देश भारत में , 


चमकते वीर हैं बन के , सितारे देश भारत में। 


करो गुणगान भारत का , यही गुरु विश्व कहलाता , 


सुनो संदीप भारत का , तिरंगा आज लहराता। 


 


गगन में शान से झंडा , तिरंगा आज लहराए , 


हमारे देश की सरहद , कभी दुश्मन न छू पाए। 


 


संदीप कुमार विश्नोई "रुद्र"


जिला फाजिल्का पंजाब


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