संजय जैन

तेरे चाहाने वालो के,


किस्से बहुत मशहूर है।


तेरी एक झलक के लिए,


खड़े रहते है लाइन से।


चेहरा छुपाना दुपट्टे से


लोगो की समझ से परे है।


कैसे देख सकेंगे वो तुझे,


खुले आसमान के नीचे।।


 


किसी पर तो तुम्हारा,


दिल आ रहा होगा।


धड़कने दिल की तेरी,


निश्चित बड़ा रहा होगा।


पर बात दिल की तुम,


व्या कर नही पा रहे हो।


मन ही मन जिसे चाह रहे हो,


उसे अपनी चाहत बता पाये हो।।


 


देखते देखते भी प्यार होता है।


पत्थरदिल भी प्यार के लिए पिघलता है।


कमबख्त दिल भी ऐसा होता है,


जो किसी न किसी पर तो फिसलता है।


और विधाता की बनाई जोड़ीयों का,


इस संसार में मिलन होता है.....।।


 


जय जिनेन्द्र देव


संजय जैन (मुम्बई)


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