संजय जैन

फूलों की सुगंध से, 


सुगन्धित हो जीवन तुम्हारा।


तारों की तरह चमके, 


जीवन तुम्हारा।


उम्र हो सूरज जैसी, 


जिसे याद रखे दुनियाँ सारा।


आप महफ़िल सजाएं ऐसी, 


की हम सब आये दुवारा।।


 


आपके जीवन में हजारो बार,  


मौके आये इस तरह के।


की लोग कहते कहते न थके, 


की मुबारक हो मुबारक हो।


जिंदगी जीने का 


ये तरीका तुम्हारा।


जिसमें खुशी होती है,


गम नहीं।


तभी तो जीते हो तुम, 


जिन्दा दिली से यहां पर।


और सभी के दिलो में,


प्रेमरस बरसते हो।।


 


अपनी दुआओं में,


आपने याद किया हमें।


तहे दिल से करते है,


हम अपाक शुक्रिया।


जिन्दगी बदत्तर या बेहतर रहे,


और चाहे जैसी भी रहे।


बस आपका साथ हमें,


जिंदगी भर मिलता रहे।


तभी तो आपकी दुआओ में हम शामिल हो पाएंगे।


और दुनियाँ को जिंदगी,


जीने का अंदाज छोड़ जाएंगे।।


 


 


संजय जैन (मुंबई )


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