मिले सत्य को करुणा प्यार..
तुम जग का आधार किशोरी
स्वयं श्याम का तुम ही सहारा
जग तृष्णा से व्याकुल मन का
श्रीराधे तुम बिन कौंन हमारा
जो आतातायी हते माधव ने
तेरी प्रेरणा से मिला उन्हें बल
बृजरज का कण कण पावन
वह भी ठकुराइन तेरा संबल
जीव जगत को वात्सल्यमयी
सन्तति सम रखती हो दुलार
हे आराध्या माँ बरसाने वाली
मिले सत्य को करुणा प्यार।
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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