सत्यप्रकाश पाण्डेय

राम मंदिर भूमि पूजन की मांगलिक शुभकामनाओं के साथ.........


 


टूट चुका विश्वास सभी का


चारों ओर घना अंधेरा था


सदियों से वनवासी राम ने


देखो पाया कष्ट घनेरा था


 


गन्दी राजनीति की भेंट चढ़े


न जाने कितने दिन मास


रामलला का बने आशियाना


टूटी भारतीयों की आस


 


रामराज्य की लिए संकल्पना


जनमन को मिली उदासी


क्रूर कुचक्र में फंसी अयोध्या


धर्म जाति की बनी दासी


 


वीरान हुआ सदन राम का


मानो हमें चिढ़ाता रहता


कबतक टेंट में रहेंगे रघुवर


नाकामी की गाथा कहता


 


अब हटा कुहासा रवि निकला


जन भावनाओं का सम्मान


उच्च अदालत और मोदी जी


बढ़ा दिया भारती का मान


 


समाप्त हुआ वनवास राम का


वह अपने भवन विराजेंगे


भूमि पूजन होगा मन्दिर का


अवध में झालर घंटे बाजेंगे


 


सियाराम में होगा आर्यावर्त


सभी हृदयों में होगा वास


राम राज्य स्थापित होकर के


भव तापों का होगा नाश


 


आओ मर्यादा पुरूषोत्तम का


मिल करके गुणगान करें


घर घर घी के दीप जलाकर


नव युग का आव्हान करें


 


अनन्त असीम अपार खुशी से


मन खग नाचेंगे व गायेंगे


राम नाम की गंगा में नहाकर


सब जीवन मोद मनायेंगे


 


जीवन चरित्र का अवलोकन


राम आदर्श करें स्थापित


आध्यात्मिक ज्ञान की उन्नति


अवगुण करदें विस्थापित


 


विशिष्ट ज्ञान से उर आलोकित


संकीर्ण सोच का परित्याग


रामायण जैसा हो भाईचारा


आलस्य त्याग जायें जाग।


 


रामाय रामचन्द्राय रामभद्राय नमो नमः


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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