सत्यप्रकाश पाण्डेय

हृदय में तुम्हें बसाऊं..


 


हे राधा के प्रियतम


हे मोहन कुंजबिहारी


व्यथित हूँ मैं स्वामी


दुःख हरो रासबिहारी


 


जग व्याधों से ग्रस्त


मैं भूला भक्ति पथ को


तेरे नाम की महिमा


शक्ति और समरथ को


 


दाता भाग्यविधाता


है सर्वस्य समर्पण मेरा


राधाबल्लभ कृष्णा


सदा करूँ स्मरण तेरा


 


आनन्द कंद मुरारी


आशीष तुम्हारा पाऊं


कैसे भी दुर्गम क्षण


हृदय में तुम्हें बसाऊं।


 


युगलरूपाय नमो नमः


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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