आँखों के कोष हुए रीते
हे माधव तेरे प्यार में
सबकुछ किया समर्पित
जो कुछ था संसार में
राधा बल्लभ मनमोहन
राधे से मत जाना दूर
कभी विरह से न तड़पूं
हमें न करना मजबूर
कालिंदी का ठंडा पानी
मेरा बदन जलाता है
श्याम सलोने तेरे बिना
पल भी रहा न जाता है।
जय श्री राधे रानी
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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