देश की मिट्टी तुझे मेरा सलाम
तेरे आंचल में न जाने कितने वीर छिपे महान
अपने परिवार का त्याग कर हमें सुरक्षित करना
अपने अपनों की बजाए वतन पर मरना
आज़ाद यूं ही नहीं आज हम कहलाते
आज भी न जाने कितने मात- पिता अपने लाडलों की तस्वीरें सहलाते
हर दिन की खुद की खुद से लड़ाई
हर छुट्टी के बाद घर वालों से लंबी जुदाई
कब मां के हाथ के बने लड्डू का आखरी डिब्बा घर से आए
कब बहन की राखी और प्यार भरा खत आखरी बार पढ़ पाए
वो तो बस कफन बांध चलता ही जाए
हर वीर को आज मेरा नमन है
उन्हीं की बदौलत मेरे देश में अमन है
नाम - सौम्या अग्रवाल
कक्षा- ग्यारहवीं की छात्रा
मकान नंबर 5415
पंजाबी मोहल्ला,
अंबाला छावनी, हरियाणा
पिन कोड -133001
मोबाइल नंबर- 9053708304
ई-मेल पता- saumyaaggarwal30@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें