मातृभूमि के लिए मिटे जो
कर लो उनकी याद
तन मन किया न्योछावर
ताकि रहे वतन आबाद ||
भेदभाव था नहीं किसी में
हिन्दू मुस्लिम भाई थे
तिलक किये इस वीर भूमि से
सिक्ख सौगंध उठाये थे
सावरकर जैसे वीर कयी
और मर मिटे अशफ़ाक़ ||
स्वतंत्रता का पर्व ये गाथा है
उनके बलिदानों की
राष्ट्र प्रेम हित मिटे यही पर
अनगिन वीर जवानों की
राजगुरु सुुखदेव भगतसिंह
और विस्मिल आजाद ||
स्वरचित मौलिक
शिवानी शुक्ला श्रद्धा
जौनपुर उत्तर प्रदेश
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