शिवांगी मिश्रा

चलो चलें नदिया के पार.....


चलो चलें नदिया के पार ।।


जहाँ पे बहती प्रेम की धार.....


जहाँ पे बहती प्रेम की धार ।


जहाँ मिले जीवन आधार ।।


 


चलो चलो.....हूँ....चलो चलो.....


 


चलो चलें नदिया के पार......


चलो चलें नदिया के पार ।


चलो चलें नदिया के पार.......


चलो चलें नदिया के पार ।।


 


प्रेम की तलाश है तो चलते रहो तुम.....


चलते रहो तुम ।


जीवन के पथ पर बढ़ते रहो तुम..


बढ़ते रहो तुम ।।


प्रेम की तलाश है तो चलते रहो तुम ।


जीवन के पथ पर बढ़ते रहो तुम ।।


ठोकर मिलेंगी गिरना संभालना ।


पर ना कभी तुम रुकना ठिठुरना ।।


पा जाओगे उस पथ को तुम....


पा जाओगे उस पथ को तुम ।


मिलेगा तुमको जहाँ पे प्यार ।। (१)


 


चलो चलें नदिया के पार......


चलो चलें नदिया के पार ।


चलो चलें नदिया के पार......


चलो चलें नदिया के पार ।।


चलो चलो...हूँ.... चलो चलो.....


 


जीवन कठिन है जीते रहो तुम....


जीते रहो तुम ।


विष का है प्याला पीते रहो तुम....


पीते रहो तुम ।।


जीवन कठिन है जीते रहो तुम ।


विष का है प्याला पीते रहो तुम ।।


बढ़ते रहो तुम हार ना मानो ।


आयी घड़ी जब तुम खुद को जानो ।।


जीतोगे परीक्षा जीवन की तुम ही.....


जीतोगे परीक्षा जीवन की तुम ही ।


पा जाओगे जीवन का सार ।।


 


 


चलो चलें नदिया के पार......


चलो चलें नदिया के पार ।


चलो चलें नदिया के पार......


चलो चलें नदिया के पार ।।


चलो चलो...हूँ.... चलो चलो.....


 


अपनों का रिश्ता मतलब की सानी....


मतलब की सानी ।


जीवन में विपदा हैं आनी जानी...


हैं आनी जानी ।।


अपनों का रिश्ता मतलब की सानी ।


जीवन में विपदा हैं आनी जानी ।।


दुनिया में मतलब मतलब से रिश्ता ।


अब ना है मिलता कोई फरिश्ता ।।


कर जाओ तुम जीते जी ऐसा....


कर जाओ तुम जीते जी ऐसा ।


याद करे ये तुमको संसार ।।


 


चलो चलें नदिया के पार......


चलो चलें नदिया के पार ।


चलो चलें नदिया के पार......


चलो चलें नदिया के पार ।।


चलो चलो...हूँ.... चलो चलो.....


 


 


शिवांगी मिश्रा


धौरहरा लखीमपुर खीरी


उत्तर प्रदेश


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...