सुनील कुमार गुप्ता

प्रेम का जीवन में महत्व


प्रेम तो प्रेम है जीवन में,


भूले न कभी साथी-


प्रेम का जीवन मे महत्व।


नफरत उपजे जब जब मन में,


मिट जाता है साथी-


प्रेम का जीवन में महत्व।


अपनत्व बढ़ता जब-जब ,


साथी समझ में आता-


प्रेम का जीवन में महत्व।


जब-जब मिटी पतझड़ की चुभन,


मधुमास का अहसास समझाता-


प्रेम का जीवन में महत्व।


नफरत से टूटे संबंध जुडे़ जब प्रेम से,


समझ में आया-


प्रेम का जीवन में महत्व।


अपनो से दूर रह कर ही जाना,


क्या-होता साथी-


प्रेम का जीवन में महत्व।


प्रेम बिन कुछ नहीं जीवन में,


जान सको तो जानो साथी-


प्रेम का जीवन में महत्व।।


 


 सुनील कुमार गुप्ता


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