तेरी पायल
मेंहदी लगे पाँव मे सखी,
कैसी- सज रही-
पायल तेरी।
तेरे आने की आहट भी,
सखी दे जाती-
ये पायल की छम छम तेरी।
मधुर संगीत का देती आभास,
धीमे-धीमे चलती जब-
ये पायल तेरी।
भूले न वो पल वो अहसास,
साजन ने बाँधी -
पाँव में पायल तेरी।
जीवन में देती प्रीत का अहसास,
मन में विश्वास-
जब छम छम बजती पायल तेरी।
कितनी अद्भूत कीमती,
जब जब सजती-
तेरे पाँव में पायल।
पायल की झंकार से ही,
मन मे उपजने लगता प्रेम-
धन्य है -तेरी पायल।।
सुनील कुमार गुप्ता
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