मान भी जाओ
कौन -अपना बेगाना यहाँ,
अब जीवन में -
जान भी जाओ।
अपने तो अपने होते साथी,
जीवन में अपने तुम-
साथी मान भी जाओ।
साथी साथी हो तुम साथी,
अब तो तुम-
सच मान भी जाओ।
अनबुझी पहेली है जीवन,
अब तो साथी -
इसको जान भी जाओं।
कल से आज और आज से कल,
बेहतर होगा जीवन में-
ये अब मान भी जाओ।
सद्कर्म और प्रभु भक्ति से,
मिलेगी शांति मन को-
साथी ये मान भी जाओ।।
सुनील कुमार गुप्ता
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