भगवान शिव के एकादश ज्योतिर्लिंग का विवरण तथा महिमा।
--- एकादश---
शिव ज्योतिर्लिंगम् एकादश,अति पावन श्री केदारेश्वर।
श्री पर्वतराज हिमालय की,केदार श्रृंग पर शिवशंकर।
सुरनर मुनि यक्ष असुर पूजित ज्योतिर्लिंगम् यह अति पावन।
महिमा अमित शास्त्र में वर्णित, प्रकृति छटा अति रम्य सुहावन।
पश्चिम मंदाकिन के तट पर, शिव केदारेश्वर का मन्दिर।
पूर्व अलकनंदा के तट पर,श्री बद्रीनाथ विष्णु मन्दिर।
संयुक्त धार यह गंगा से, मिलती है देवप्रयाग जाकर।
नर नारायण ने शिव जी का,तप कठिन किया केदार शिखर।
ऋषियों के सम्मुख प्रगट हुए औघड़ दानी श्री शिवशंकर।
होकर भावविभोर उन्होंने,की स्तुति अरु पूजन अर्चन।
मैं अति प्रसन्न हूं वर मांगो, बोले गौरी पति जगबन्दन।
देवाधिदेव हे महादेव, मेरी विनती स्वीकार करें।
प्रभु ज्योतिर्लिंग स्वरूप यहीं,स्थित होने की कृपा करें।
ए्वमस्तु कह ऋषियों से, शिव करने लगे निवास वहीं।
केदारेश्वर ज्योतिर्लिंगम्,तीरथ ऐसा अन्यत्र नहीं।
चरण कमल रज शीश धरूं नित पूजूं तुम्हें सदा निष्काम।
हे शिवशंकर हे गंगाधर हे गौरीपति तुम्हें प्रणाम।
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