ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार ।
ऐ! युवा शक्ति नव सृजनकार ।
तेरे कंधों पर है देखो ऋण अपार।
है तुमसे ही आशा अब लगातार।
तुम ही हो राष्ट्र धर्म के सूत्रधार।
इतिहास रचो ऐ! सृजनकार ।
है भारत माँ की यह पुकार ।
तुमको पालन करने सारे संस्कार
मां बहनों के रक्षक तुम होनहार।
पूर्ण करोअपनो के सपने हजार।
चुकता कर दो माँ का दुलार ।
गाथाएँ लिख दें कलमकार ।
ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार।
ऐ ! युवा शक्ति नव सृजनकार ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें