सुषमा दीक्षित शुक्ला

दुनिया के रखवाले तुझ पर,


अर्पण मेरा तन मन धन ।


 


तू दाता है परमपिता है ,


तू ही जीवन और मरन ।


 


नजरें कभी न फेरो हे! प्रभु ,


इतनी सी फरियाद मेरी ।


 


भूल चूक सब क्षमा करो प्रभु,


दुनिया हो आबाद तेरी ।


 


सारी दुनिया रूठ भी जाये,


तुम ना रूठो परमपिता ।


 


सारी दुनिया अगर त्याग दे ,


नही त्यागते मात पिता ।


 


तेरा धन है तेरा मन है,


तेरा ही ये तन मेरा ।


 


तेरा सबकुछ तुम्हें समर्पित ,


क्या लागे इसमें मेरा ।


 


सुषमा दीक्षित शुक्ला


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