सुषमा दीक्षित शुक्ला

माँ भारती की आन का ।


,वीरों के बलिदान का ।


 


राम मंदिर प्रतीक है , 


राष्ट्रीय स्वाभिमान का 


 


मान रखा राम जी ने ,


न्याय के सम्मान का।


 


प्रेम से मंदिर बने अब ,


महा प्रभु श्री राम का ।


 


 विश्व पटल पर सम्मानित है,


 पावन चरित्र श्री राम का ।


 


ये राम मंदिर चिन्ह है ,


इस राष्ट्र सम्मान का ।


 


रूह रूह मे राम बसे हैं


धड़कन में माँ जानकी ।


 


चारों धाम समाये जिसमें,


 जय बोल अयोध्या धाम की ।


 



कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...