मेरे मर जाने पे तुम जन गण मन राग बजा देना
अगर शहीद में हो जाऊँ तिरंगे का कफन उढ़ा देना
भारत माँ का मैं बेटा हूँ हर्गिज ना घबराऊँगा
सीने पे खा लूँगा गोली , पर ना पीठ दिखाऊँगा
मेरे मर जाने पे मेरी माँ को धीर बँधा देना
अगर शहीद में हो जाऊँ तिरंगे का कफन उढ़ा देना
दुश्मन चाहे जो भी हो भारत का झुकेगा ना सम्मान
चाहे हो फिर चीन या आये
सामने पाकिस्तान
हर शहीद को हँसते हँसते भारत में दफना देना
अगर शहीद मैं हो जाऊँ तिरंगे का कफन उढ़ा देना
बतला देंगे दुश्मन को भारत के वीर सपूत हैं हम
एक एक सो सो पर भारी , भारत माँ के पूत हैं हम
भगत सिंह चन्द्र शेखर की सबको याद दिला देना
अगर शहीद मैं हो जाऊँ तिरंगे का कफन उढ़ा देना
अच्छा साथियों खुश रहना अब हमतो सफर करते हैं
हम वो हैं जो देश की खातिर हँसते हँसते मरते हैं
बंदेमातरम कहके तुम भी हँसके मुझे विदा देना
लो शहीद मैं हो गया मुझे तिरंगे का कफन उढ़ा देना
बंदेमातरम
कुमार निर्दोष दिल्ली
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