हे भारत के परमवीर,
मेरे वतन के शूरवीर।
तुम्ही से देश में अमन है,
शत्-शत् तुमको नमन् है।।
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अपनी जाँ हथेली में लेकर,
अपना सर्वस्व आहूति देकर।
तुमने सर पर बांधे कफ़न है,
शत्-शत् तुमको नमन् है।।
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माँ-बहन,पत्नी और बच्चे,
मोह त्यागे तुम्ही वीर सच्चे।
दुश्मनों का किया दमन है,
शत्-शत् तुमको नमन् है।।
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छोंड़कर अपने सब सुखचैन,
सीनातान लड़ते हो सुपरमैन।
ऋणी तुम्हारा ये चमन है,
शत्-शत् तुमको नमन् है।।
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सच्चे सपूत तुम भारत माँ के,
माटीपुत्र हो तुम हिन्दुस्तान के।
तुमने ही किया हर जतन है,
शत्-शत् तुमको नमन् है।।
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लतपथ खून से जीते हर समर,
रहोगे हमेशा इस जहाँ में अमर।
तुम्हारे चरणों में मेरा वन्दन है,
शत्-शत् तुमको नमन् है।।
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*स्वरचित*
*उमेश श्रीवास"सरल"*
*मु.पो.-अमलीपदर*
*विकासखण्ड-मैनपुर*
*जिला-गरियाबंद(छत्तीसगढ़)*
*मोबाईल-9302927785*
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