विशाल चतुर्वेदी उमेश

शहीद होकर भी कभी ना मिटने दिया । 


हिन्दुस्तान की शान को ना झुकने दिया । 


हमेशा चलें शेरों की तरह , 


अपनी एक दहाड़ से दुश्मन को ना टिकने ने दिया ॥ 


 


चलें बांधे सिर पर कफन को । 


दें दिया सर्वस्व अपने वतन को । 


हिन्दुस्तान की मिट्टी के लालों ने दें दी जान,  


अपने लहू से सींचा है अपने चमन को ॥ 


 


कुर्बानी और शौर्य की गाथा हर पल अपने साथ लिऐ ।


भगत राज सुखदेव के सपनें हर पल अपने साथ लिऐ।


ना कभी झुके तिरंगा अपना , 


शहीद हुये मिट्टी की खुशबू अपने साथ लिऐ॥   


 


विशाल चतुर्वेदी उमेश


जबलपुर मध्य प्रदेश


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