आचार्य गोपाल जी

हिंदी हमारी आन है 


 


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


हिंदी से हिंदुस्तान है ,


ये भाषा बड़ी महान है ,


यही बढ़ाती मान है।


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


 


संस्कृत में है संस्कृति हमारी,


हिंदी संस्कृत की संतान है ।


यही हमारी है एक धरोहर,


ये करती सब का सम्मान है ।


अरबी फारसी अंग्रेजी सहित,


यह सबको देती मान है ।


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


 


प्रेम सौहार्द की भाषा हिंदी,


प्रेम की मजबूत धागे समान है ।


हिंदू की गौरव गाथा है,


सनातन की पहचान है ।


सूर तुलसी कबीर रहीम ,


कहीं जायसी तो रसखान है ।


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


 


हिंदी भारत की बिंदी है,


सुलभ सुगम रस खान है ।


‌गर्व हमें है निज भाषा पर,


यही हमारा स्वाभिमान है ।


जीवन की है यही परिभाषा,


यह कालजई महान है ।


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


 


बिहारी,भूषण,कवि चंद है इसमें,


दिनकर,निराला,पंत,भारतेंदु महान है ।


बड़ी निराली देवनागरी लिपि,


विश्व में इसकी अलग पहचान है ।


हर भारतवासी के दिल में ,


हिंदी के लिए सम्मान है ।


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


 


पर आज यही बनी है दासी ,


हम सब से ही यह परेशान है ।


अंग्रेजी है राज कर रही ,


यह बनी हुई गुमनाम है ।


दिवस पर करते गुणगान सब ,


दिल से करते अंग्रेजी का बखान है ।


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


 


 


नेताओं की है बात निराली,


अंग्रेजी की करते रखवाली ।


हिंदी का करते अपमान है,


हर वर्ष बना के नए नियम वो,


जिसमे वोट कमीशन नाम है,


यही चलन आज आम है ।


हिंदी हमारी आन है ,


ये भारत की शान है ।


 


आचार्य गोपाल जी


           उर्फ


 आजाद अकेला बरबीघा वाले


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