हिन्दी भाषा के लिये , करें सभी कुछ काम ।
बहुत रचे मिलकर सभी , कविताएँ अविराम ।
कविताएँ अविराम , सभी को पढ़े -पढ़ाए ।
माँ हमको दो ज्ञान , पंथ नव गढ़ते जाए।
निज-भाषा का मान, हमारी संस्कृति अभिनन्दी।
भाषा मातृ महान, देश की प्यारी हिन्दी।
अनीता मिश्रा सिद्धि ।
पटना ।
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