ज्ञान का प्रकाश देकर , अज्ञानता को दूर करतें हैं ।
पथ में काटों को हटाकर फूल ही फूल भरते हैं।।
इस जीवन में जो मिला , गुरुवर तेरा उपकार है ।
मानव के रूप में आप , मेरे लिए ईश का उपहार हैं ।। भीड़ भरी दुनियाँ में हम खो ही जाते ,
गुरुवर आप नहीं मिलते हम पशु कहलाते।।
इस लेखनी ने से क्या लिखे ,हम तेरा गुणगान।
आपकी कृपा -दृष्टि सदा मिले , माँगूँ ये वरदान ।।
अनीता सिद्धि पटना 5/9/2020
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