डॉ निर्मला शर्मा 

हिंदी का सम्मान


हिंदी देश के वासी हम सब


 हिंदी है भाषा का नाम 


अपनी भाषा पर गर्व हमें


 हम करें इसी में काम 


संपूर्ण विश्व में डंका बजता है


 विश्व गुरु सी शान 


ये है हमारी मातृभाषा 


जिसकी है निराली आन


 हिंदी का सम्मान करें हम 


बढे हमारा मान


 संस्कृत भाषा जननी इसकी 


ये है बड़ी महान 


देवनागरी लिपि है इसकी 


व्याकरण बड़ी है समृद्ध


 वर्णमाला में छिपे हुए हैं 


स्वर, व्यंजन उच्चारण आबद्ध


विश्व में नहीं कोई ऐसी भाषा


 जिसका वैज्ञानिक है प्रकार 


प्रत्येक ध्वनि के लिए प्रयुक्त है


 जिसमें अलग-अलग आकार


 प्राणवायु से जुड़े हुए स्वर 


ओमाक्षर प्राण तत्व आधार


 उच्चारण करते जब हम सब 


मिले ऐंद्रिय सुख अपार 


हिंदी का सम्मान करो सब


 यह जोड़े है भारतवर्ष 


भाषा की ताकत को जाना जब 


हुआ देश का नवीन उत्कर्ष 


आजादी की डोर बनी जब


 जन आंदोलन गहराया 


शब्द से शब्द जुड़े बन शक्ति


 तब केसरिया लहराया 


विवेकानंद ने दस दिनों तक


 हिंदी का अलख जगाया


 विदेशी धरती पर जाकर 


निज भाषा का मान बढ़ाया 


दयानंद खुसरो भारतेंदु 


और महावीर प्रसाद द्विवेदी 


हिंदी के कर्णधार हमारे 


रची जिन्होंने भाषा रूपी वेदी


 राजभाषा मातृभाषा


 संपर्क भाषा के नाम से है विख्यात


 बने यही राष्ट्रभाषा हमारी 


सबके मन की चाह ये ख्यात।


 


डॉ निर्मला शर्मा 


दौसा राजस्थान


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...