डॉ निर्मला शर्मा

मेरी बिटिया


मेरी बगिया का ऐसा वो फूल है


 मुस्कुराए करें दुख दूर है 


मेरी बिटिया ,मेरी बिटिया


मेरी बिटिया ,मेरा गुरूर है


 


बिटिया मेरी लाडो, वो नीलम परी 


उसके कदमों से है ,मेरी बगिया हरी 


 मेरी आंखों में चमके,जो नूर है 


वो है मेरी छवि, मेरा प्रतिरूप है 


 


मेरी बगिया का ऐसा, वो फूल है


 मुस्कुराए करें ,दुख दूर है


 मेरी बिटिया ,मेरी बिटिया


मेरी बिटिया मेरा, गुरूर है 


 


मेरे जीवन में ,उपहार है वो


 करती पूरा ये परिवार है वो


 मेरे बेटे की बहना, वह प्यारी प्यारी 


अपने पापा की नन्ही सी, कोमल परी


 


 मेरी बगिया का ऐसा, वो फूल है


 मुस्कुराए करे, दुख दूर है


मेरी बिटिया, मेरी बिटिया


मेरी बिटिया, मेरा गुरुर है


 


 करेगी वो एक दिन, नाम रोशन 


बनेगी सरल सौम्य, पावन 


अपने पैरों पे, एक दिन खड़ी होगी वो


 हमको जानेगा ये जग, होगा नाम वो


 


 मेरी बगिया का ऐसा, वो फूल है 


मुस्कुराए करें ,दुख दूर है


 मेरी बिटिया मेरी बिटिया 


मेरी बिटिया मेरा गुरूर है


 मेरी बिटिया मेरी बिटिया-----------------------


 


डॉ निर्मला शर्मा


 दौसा राजस्थान


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511