डॉ. रामबली मिश्र

लगे प्यार का प्यारा नारा


 


हो गिरफ्त में यह जग सारा।


लगे प्यार का नारा प्यारा।।


 


प्यार छोड़ कुछ बात न करना।


प्यार-सिंधु में बहते रहना।।


 


लहरों में अति प्यार कसा हो।


घरों-घरों में प्यार बसा हो।।


 


भीतर से हर मानव प्यारा।


अंत:पुर में हो उजियारा।।


 


अंधकार को मिट जाने दो।


निशा काल को पिट जाने दो।।


 


कुत्सित भावों को जलने दो।


गंदे गाँवों को हटने दो।।


 


दूषित आब-हवा को काटो।


शुचिता से दुनिया को पाटो।।


 


सुंदर शिक्षा नीति बनाओ।


संस्कार के गीत सुनाओ।।


 


सदा प्यार से शिक्षा देना ।


सतत प्यार की दीक्षा देना।।


 


पाठ्य पुस्तकें अति प्यारी हों।


शुद्ध आचरण सी न्यारी हों।।


 


बनें चरित्रवान सब शिक्षक।


नैतिकता से युक्त परीक्षक।।


 


अनुशासन का बीजारोपण।


पावन कर्मों का आरोहण।।


 


सभी बनें सत्यार्थ समर्पित।


खुद को करें प्यार को अर्पित।।


 


सदा प्यार का शंखनाद हो।


आत्मवादमय प्यारवाद हो।।


 


रामकृष्ण की सेना आये।


प्यार सूत्र के दीप जलाये।।


 


डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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