जीवन एक चनौती
इक चुनौती भरी राह है जिंदगी,
गर करोगे बसर मन में ले सादगी।
राह ख़ुद तुमको मंज़िल तक पहुँचाएगी-
ये दुनिया करेगी तुम्हें वंदगी।।
धैर्य खोए बिना,पूर्ण विश्वास से,
बेहिचक राह पर अपनी चलते रहो।
अंत में राह-मंज़िल का होगा मिलन-
शीघ्र ही आ गले से मिलेगी खुशी।।
कंटकाकीर्ण राहें तो होतीं मग़र,
उनपे चलना सदा ही तो है जिंदगी।
गर क़दम लड़खड़ाये तो ग़म मत करो-
आगे बढ़ते रहो बिन किए मन दुखी।।
चीर करके उदर तम का रवि नभ उगे,
भिड़ शिलाओं से सरिता सतत जग बहे।
सोच बदलो त्वरित अब निडर हो बढ़ो-
बाग़ जीवन की पुष्पों से होगी लदी।।
ज़िंदगी में चुनौती तो इक साज़ है,
तार छेड़ो तो मिलता मधुर स्वाद है।
स्वाद चख लो ज़रा अब इसी जन्म में-
ज़िंदगी से न करना कभी दिल्लगी।।
चुनौतियाँ नाते-रिश्ते निभाना भी है,
नाते-रिश्तों का सम्मान करना सदा।
ज़िंदगी इक चुनौती है माना कठिन-
इसको स्वीकार करके ही होंगे सुखी।।
© डॉ0 हरि नाथ मिश्र
9919446372
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