स्त्री और लालटेन(दोहे)
लालटेन ले हाथ में,किए आँख को बंद।
अद्भुत अनुभव कर रहा,नारी-मन आनंद।।
लालटेन की ज्योति में,देख पिया को ठाढ़।
मुँदी आँख जनु स्वयं ही,उमड़ा प्रेम प्रगाढ़।।
निशा तो तिमिराछन्न है,पर हिय भरा उजास।
कष्ट भरी रजनी कटे,जब पिय-मिलन उलास।।
लालटेन संकेत है,अन्तरहृदय-प्रकाश।
यह प्रकाश अनुभूति कर,हर्षित हृदय निराश।।
निबिड़ तिमिर की रात में,प्रियतम-आहट पाय।
लालटेन की ज्योति में,लख पिय अति शरमाय।।
पिय-वियोग में नारि के,पिचक गए हैं गाल।
मुँदी आँख पा पिय-दरश, मारे खुशी निहाल।।
नारी-हिय है गंग-जल,प्रियतम भक्त समान।
प्रेम-भक्ति के भाव से,शुचि मन कर स्नान।।
डॉ0 हरि नाथ मिश्र
9919446372
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