बना कबीरा चलते रहना
सदा फक्कड़ी बनक चलना।
बना कबीरा चलते रहना। ।
मत करना परवाह किसी की।
चिन्तन ध्यान लगाये रहना।।
करो अनसुनी सदा मस्त रह।
योगी बनकर विचरण करना।।
गन्दी राजनीती में पड़कर।
अपना जीवन नष्ट न करना।।
खैर मनाओ हर मानव की।
सदा निरापद बनकर रहना।।
मत सहना तुम कभी अनर्गल ।
सार्थक बातें कहना सुनना।।
चित से दुष्टों को उतार दो।
ले कबीर की लाठी चलना।।
सत्संगति का मजा लूट लो।
नहीं कुसंगति में तुम पड़ना।।
दांव-पेंच को दूर फेंककर।
सीधी-सादी बातें करना।।
दुनियादारी यही एक बस।
अपने में ही जीते रहना।।
लोई एक मात्र काफी है।
बन पत्नी का भक्त विचरना ।।
राग-द्वेष के ऊपर जाकर ।
सम मंत्रों को जपते रहना।।
डॉ0 रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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