माँ शारदे को नमन
नमनीया माँ मातृ शारदे।
हे माँ हमको नियमित वर दे।।
करें सदा सेवकाई तेरी।
मिले सदा अति प्रीति घनेरी।।
रहो सदा अनुकूल विधाता।
हे जग जननी हे सुखदाता।।
ज्ञान रत्न दे प्रेम रत्न दे।
भक्ति रत्न दे शुभद रत्न दे।
अति निर्मल प्रिय पावन गंगा।
कर दो माँ मन शीतल चंगा।।
मोहनिशा को दूर भगा दे।
मन में उत्तम भाव जगा दे।।
अंधकार हर नित प्रकाश दे।
ज्ञान ब्रह्ममय शिवाकाश दे।।
हर जड़ता को चेतन कर दे।
विद्या वारिधि उर में भर दे ।।
एक तुम्हारी हमें आसरा।
देना माँश्री सदा सहारा।।
रचनाकार:डॉ0रामबली मिश्र हरिहरपुरी
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