डॉ0 रामबली मिश्र

दिग्दर्शक है विश्व का,शिक्षक दिव्य महान।


रचता सुन्दर जगत यह,बनकर शिव विद्वान।।


 


मानववादी दृष्टि का ,करता सदा प्रचार।


सहज भाव से कर रहा,मानवता से प्यार।।


 


दंभ और पाखंड का,करता सतत विरोध।


नैतिकता के मूल्य पर ,करता रहता शोध।।


 


शिक्षक साधु समान है,पानी-दूध विवेक।


शिक्षक इक संस्था बना,करता काम अनेक।।


 


लेखक-रचनाकार बन,देता उत्तम ज्ञान।


दलित-शोषितों पर सहज,रचता काव्य विधान।।


 


स्वच्छ हृदय काया विमल,पावन मन प्रिय गेह।


सारी दुनिया पर सदा,करता हार्दिक स्नेह।।


 


शिवशंकर बनकर सदा,करता जन कल्याण।


सब प्रश्नों की काट है,शिक्षक परम महान।।


 


गुरु बनकर शिक्षक सहज,देता दिव्य प्रकाश।


करता रहता रात-दिन,तिमिरांचल का नाश।।


 


शिक्षक के सम्मान से,दुनिया स्वर्ग समान।


शिक्षक ब्रह्म समान ही,रचता सकल विधान।।


 


डॉ0रामबली मिश्र हरिहरपुरी 


9838453801


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