दुर्गा प्रसाद नाग

श्याम सौभाग्य आंगन में आए मेरे,


मेरेे जीवन में फिर रोशनी आ गयी।


 


स्वागतम् स्वागतम् श्याम सौभाग्य का,


आपके आगमन से खुशी छा गयी।।


 


मेरे जीवन की बगिया थी सूनी पड़ी,


प्रीति के पुष्प उसमें सुकोमल खिले।


 


कितनी भक्ति व श्रद्धा से मांगा तुझे,


श्याम सौभाग्य तब कहीं जाकर मिले।।


 


मेरे जीवन का गहरा अंधेरा मिटा,


देखो चहुं ओर फिर रोशनी आ गयी।


 


स्वागतम् स्वागतम् श्याम सौभाग्य का,


आपके आगमन से खुशी छा गयी।।


 


 


दुर्गा प्रसाद नाग


नकहा - खीरी


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