एस के कपूर श्री हंस

कॅरोना से बच कर रहो , कि यह


तुम्हारे खून का प्यासा है।


 


कॅरोना से बच कर रहना कि


तेरी जान का प्यासा है।


अभी ठहर जायो कि चल रहा


इसका खूनी तमाशा है।।


जिंदा रहे तो फिर सब कुछ


हांसिल हो जायेगा।


तुमसे ही परिवार की दुनिया


और सारी आशा है।।


 


जान लो अभी बस सावधानी


ही एक मात्र बचाव है।


तुम्हारी लापरवाही में छिपा


जीवन का बिखराव है।।


समय बहुत नाजुक कि चलना


है बस समझदारी से।


अब कॅरोना के साथ संभल कर


चलना बनाना स्वभाव है।।


 


अभी कॅरोना खत्म नहीं उससे


जंग लगातार जारी है।


दवा बनाने की भी चल रही


जोर शोर से तैयारी है।।


इन्तिज़ार करना है इस संकट


के समाप्त होने का।


तेरी एक छोटी सी भूल भी 


पड़ेगी बहुत भारी है।।


 


यह एक अदृश्य वाइरस इसकी


निगाह भी हत्यारी है।


यह महामारी एक बहुत ही दुष्ट


और दुराचारी है।।


इससे बचना और बचाना अभी


है बहुत ही जरूरी।


यही परिवार और समाज के प्रति


हमारी जिम्मेदारी है।।


 


एस के कपूर श्री हंस


बरेली।


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