कॅरोना के कहर से।।
आज दूर दूर रहिये आप
कल साथ साथ रहने को।
जिंदा रहना बहुत जरूरी
कल कुछ कहने को।।
अनमोल धरोहर जीवन
की न चली जाए यूँ ही।
बस कुछ दिन का धैर्य
जरूरी आपदा सहने को।।
यह अनमोल जीवन तेरा
यूँ सस्ते में न चला जाये।
ये किस्मत का सितारा
ठंडे बस्ते में न चला जाये।।
जरूरी है कि घर से जायें
आप किसी काम से ही।
बस यूँ ही व्यर्थ हर किसी
रस्ते में न चला जाये।।
आदत हम सबको अपनी
सुधारनी बदलनी होगी।
स्वास्थ्य की दिनचर्या
अब हमें पलटनी होगी।।
सावधानी हटी तो मानो
जैसे कोई दुर्घटना घटी।
साथ साथ जाने की बात
कुछ दिन खटकनी होगी।।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें