अमृत और जहर एक ही
जुबान पर निवास करते हैं।
इसीसे लोग आपके व्यक्तित्व
का सही हिसाब करते हैं।।
कभी नीम तो कभी शहद
हो जाती ये जिव्हा हमारी।
जान लो इसी से जीवन में
रिश्तों का आभास करते हैं।।
बहुत नाजुक दौर कि किसी
से मत रखो तुम बैर।
हो सके जहाँ तक मांगों प्रभु
से तुम सब की खैर।।
तेरी जुबान से ही तेरे दोस्त
और दुश्मन भी बनेंगें।
हर बात बोलने से पहले तुम
सोचो जाओ कुछ देर ठहर।।
तीर कमान से निकला तो फिर
यह वापिस नहीं आ पाता है।
शब्द भेदी वाण है तो फिर ये
घाव करके ही आता है।।
दिल से उतरो नहीं कि तुम
किसी के दिल में उतर जाओ।
गुड़ गर दे नहीं सकते तो गुड़
सा बोलने तेरा क्या जाता है।।
जान लो खुशी देना ही खुशी
पाने का आधार होता है।
वह ही खुशी देता जिससे
कोई सरोकार होता है।।
खुशी कभी आसमान से
है कहीं टपकती नहीं।
न ही कहीं पर खुशी का
कोई व्यापार होता है।।
मन की आँखों से भीतर सबके
जरा तुम दीदार करो।
मिट जाता है हर अंधेरा बस
तुम सुबह का इन्तिज़ार करो।।
जान लो कि मीठी जुबान और
खुशियों का है गहरा रिश्ता।
इक छोटी सी जिन्दगी है बस
तुम हर किसी से प्यार करो।।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली।
8218685464
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