माना कि ये कॅरोना बहुत
ही सता रहा है।
मगर कैसे जीना चाहिये
ये भी बता रहा है।।
जीवन दिनचर्या और हमें
जरूरते बदलनी होंगी।
यह सब कुछ दिखा कर
हमें जता रहा है।।
क्या ज्यादा क्या गैर जरूरी
जीवन में ये सीखा है।
वरीयता किसको देनी यह
भी हमनें दिखा है।।
अनुशासन और सावधानी
जरूरी जीवनयापन में।
अस्वस्थ अब बचेगा नहीं
चाहे पैसे में भीगा है।।
स्वच्छता और प्रकृति के
मायने हैं समझा दिये।
लापरवाही और चूक ने
कई दीये बुझा दिये।।
रोग प्रतिरोधक क्षमता है
रसोई में ही विद्यमान।
प्रकृति ने ही हमें हैं कुछ
रास्ते सुझा दिये।।
कॅरोना के साथ चलना और
जीवन वैसा ढालना होगा।
मन के भीतर कुछ भ्रांतियों
को अब निकालना होगा।।
आर्थिक विकास भी जरूरी
ओ बीमारी से बचाव भी।
दोनों ही पडलों का संतुलन
हमें अब संभालना होगा।।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली।
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