एस के कपूर श्री हंस

 हमारे अपने


कर्मों का हिसाब है जिंदगी।


 


बस चलते चले जाइये


यही जिंदगी है जनाब।


हर मुश्किल का यह


जिंदगी लिये है जवाब।।


रुकना थमना मना बस


बस चलना ही है हल।


तभी पूरे करती यह


जिंदगी है हर ख्वाब।।


 


रिश्तों को समझों तो ये


फिर सुलझते जाते हैं।


जितना समझायोगे तो


फिर ये उलझते जाते हैं।।


जो ताउम्र निभाते रिश्ते


वह तो होते हैं फरिश्ते।


उतर जायो दिल में तो


ये रिश्ते सुलटते जाते हैं।।


 


तन की सुंदरता बस मन


को आकर्षित करती है।


ह्रदय की सुंदरता तो जैसे


आत्माभी हर्षित करती है।।


अच्छा व्यवहार और


स्वाभव हैं अनमोल देन।


तेरी सहयोग सहायता


ही तुझे चर्चित करती है।।


 


बस यूँ समझों कि कभी


उदासी की आग जिंदगी।


कभी कभी खुशियों का


बाग है यह जिंदगी।।


हँसना रोना हिस्सा हैं


हर किसी के जीवन का।


बस कड़वे मीठे अनुभवों


का जैसे स्वाद है जिन्दगी।।


~~~~~~~~~~~~~~


प्रकृति से हवा पानी


जीवन की है आसानी


मत कर यूँ नादानी


*अनमोल प्रकृति।।*


धरा बहुत विशेष


मत बिगाड़ ये भेष


न रहेगा अवशेष


*जीवदायी प्रकृति ।।*


वृक्ष हैं अमृत पुत्र


पालें इन्हें ये सुपुत्र


जो काटे वो हैं कुपुत्र


*श्वासदायी प्रकृति।।*


बाढ़ और सुनामी है


हर ओर ये पानी है


रक्षा करें जुबानी है


*लाभकारी प्रकृति।।*


*2,,,,,,,,,,,,,*


हमारी ये जीवन शैली


करे धरती विषैली


न हो पॉलीथिन थैली


*प्रकृति से जीवन।।*


ऊर्जा सीमित भंडार


नष्ट हो रहा अंगार


शीघ्र करो उपचार


*ऊर्जा से ही जीवन।।*


बदलो ये व्यवहार


प्रकृति पालनहार


बचे जीवन आकार


*रक्षण से जीवन।।*


ये धुंआ और गुबार


बारिश मूसलाधार


बह जाये ये संसार


नियम से जीवन।।


 


एस के कपूर श्री हंस


बरेली


मो 9897071046


         8218685464


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