एस के कपूर श्री हंस

वृक्षों से ही हमारे जीवन में


आती हरियाली है।


प्रकृति पोषित और हर ओर


होती खुशहाली है।।


पर्यावरण सरंक्षण धुरी है


जीवन के रक्षा की।


जानो तभी मनेगी नई पीढ़ी


की होली दीवाली है।।


 


रक्षा पर्यावरण की तेरी मेरी


सबकी जिम्मेदारी है।


हम अभी से हों समझदार


इसी में होशियारी है।।


नहीं तो बर्बाद ए गुलिस्तां को


होगी जवाबदारी ।


यही आज समय का तकाजा


और खबरदारी है।।


 


जो हम सिखायेंगे नई पीढ़ी


वही करेगी आगे जाकर।


पर्यावरण के प्रति जागरूक


होगी हमसे सीख लाकर।।


आज कर्तव्य नई पीढ़ी को हमें


सौंपना स्वच्छ पर्यावरण।


अन्यथा आने वाली पीढ़ी दुःख


भरेगी ये विरासत पाकर।।


 


एस के कपूर श्री हंस


बरेली।


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