सावधानी से
कॅरोना अँधेरों को हटाना है और
उजालों को बुलाना है।
आज बहुत जरूरी हो गया है
मानव जीवन को बचाना।
कॅरोना सावधानियों को सुनना
और फिर सबको सुनाना।।
अभी भी फैल रही ये महामारी
यहाँ वहाँ और कहाँ कहाँ।
अभी भी बहुत आवश्यक हर
लापरवाही को भूलाना।।
पर मत उदास हो कि फिर वही
अपनों का मिलन होगा।
मिल कर बैठेंगें सब और फिर
वैसे हर मन किरण होगा।।
मंजिल दूर पर पाना कुछ भी
नामुमकिन होता नहीं।
देखना फिर वही हँसी ठहाकों
का दौरे चलन भी होगा।।
बस कुछ धैर्य की जरूरत और
कुछ तकलीफ उठानी है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता आज
हमें खूब बढ़ानी है।।
अभी कॅरोना के साथ ही हमको
जीवन मेंआगे चलना होगा।
इसलिए उचित दिनचर्या और
जीवनशैली अपनानी है।।
हम सब सोचते हैं कि तुरंत
कॅरोना की हार चाहिये।
हो जाये कॅरोना बाहर कि नहीं
और इन्तिज़ार चाहिये।।
लेकिन यह यूँ ही बस चाहने से
सम्भव नहीं होगा।
हमें बचाव की हर नई तकनीकओ
प्रबंधन असरदार चाहिये।।
हर आदमी जागरूक चाहिये इस
महामारी के प्रति।
हर मनुष्य अपना कर्तव्य पालन
करे इस बीमारी के प्रति।।
यह एक विश्व्यापी त्रासदीऔर इसे
हल्के में नहीं लेना है।
व्यक्ति से समाज से राष्ट्र सा सचेत
हो जिम्मेदारी के प्रति।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली
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