यहीं इसी धरती को हमें
स्वर्ग बनाना है।
बैर विरोध कटुता तो फिर
बात प्यार की नहीं होती।
हर बार मतभेद मनभेद तो
बात इकरार की नहीं होती।।
जब दिल का कोना कोना
नफरत में लिपट जाता है।
तो फिर कोई बात आपस
के सरोकार की नहीं होती।।
हम भूल जाते अमर नहीं
कि एक दिन जाना है।
जाकर प्रभु से कर्मों का
अपना खाता जंचवाना है।।
ऊपर जाकर स्वर्ग नरक
की चिंता मत कर अभी।
हो तेरी कोशिश हर क्षण
कि यहीं पर स्वर्ग बनाना है।।
एक ही मिला जीवन कि
इसे बर्बाद नहीं करना है।
मन में नकारात्मकता का
भाव आबाद नहीं करना है।।
चाहें सब के लिए सुख तो
हम भी सुख ही पायेंगे।
भूलसे किसीके लिए गलत
फरियाद नहीं करना है।।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली।
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