एस के कपूर श्री हंस

अब भाग कॅरोना भाग।


 


कल कॅरोना से दूर से मुलाकात हो गई।


बस सामने सामने आंखों


आँखों में बात हो गई।।


कॅरोना बोला आयो गले मिलो, हाथ तो मिलायो।


मैंने कहा कि कहानी सब,


यह समाप्त हो गई।।


कॅरोना बोला बड़े ही, चालाक सयाने लगते हो।


जानते नहीं मेरे पास, जीवाणु विषाणु वाइरस है।।


तुम्हारे पास क्या है।


मैंने भी कह दिया कि,


मेरे पास मास्क,सैनिटाइजर, साबुन, अंगोछा, टोपी और दस्ताने भी हैं।


तुझे भगाने के और बहाने भी हैं।।


हमेशा सतर्क सावधान रहता हूँ।


स्वस्थ खानपान में ही मेरा


विश्वास है।।


रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, मेरे लिए बहुत खास है।।


काढ़ा, हर्बल,तुलसी,लौंग, इलायची का, सेवन नित करता हूँ।


प्रकृति से खूब निकटता रखता हूँ।।


व्यायाम योग ,मेरे जीवन का हिस्सा हैं।


यह सब रोज़, मेरे जीवन का किस्सा है।।


कॅरोना सुन, बकरे की माँ कब खैर मनायेगी।


एक दिन तेरी शामत ,तो जरूर आयेगी।


हर देश के कॅरोना योद्धा ,तुझे ढूंढ रहे हैं।


एन्टी बॉडी ,प्लाज्मा दान वाले भी हो रहे तैयार हैं।


तेरे लिए वैक्सीन बनाने को भी खूब होशियार हैं।।


खत्म पहले करने हमें सब तेरे यार है।


पी पी ई किट ,फेस शील्ड, हैंड वाश का खूब निर्माण हो रहा है।


लॉक डाउन खुल गया व्यापार हो रहा है।।


हमारी संस्कृति जीवन शैली खान पान की प्रकृति बहुत अलग है।


तुझे अधिक समय यह रास नहीं आयेगी।।


तेरी दाल ज्यादा दिन गल नहीं पायेगी।


तेरे अनुकूल वातावरण नही है यहाँ।।


तेरा ठिकाना है किसी और जहाँ।


बोरिया बिस्तर बांध और रुखसत हो जा।।


कॅरोना जा जा जा।


कॅरोना जा जा जा।।


 


एस के कपूर श्री हंस


बरेली।।


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