जय जय जय श्री हनुमान
संकट मोचन श्री हनुमान
मारूति नंदन असुर निकन्दन
जन मन रंजन भव भय भंजन।
हे राम दूत!पवन पूत!
शांति धर्म के अग्रदूत,
सत्य मार्ग के पथ प्रदर्शक
सत्य धर्म के तुम रक्षक।
दुष्टों के हो तुम संहारक
भक्तों के हो तुम रक्षक
करो अनाचार का दमन
जग का भय का ताप शमन।
भक्तजनों के प्रति पालक
दीनों के आनन्द प्रदायक,
दुष्टों के संहारक हो तुम
जय जय जय श्री हनुमान।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
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