कालिका प्रसाद सेमवाल

राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थी


 


छात्रों तुम प्रतिभा की खान हो,


तुम ही इस धरा की शान हो,


आओ संघर्ष जीवन का आधार बनाए,


निष्ठावान बन जीवन सफल बनाए।


 


तुमको जितना समय मिला है,


उसका तुम सदुपयोग करो,


इस धरा की तुम ही तो शान हो,


राष्ट्र उन्नति में भी तुम्हारा योग दान है।


 


शिक्षा से होता है सबका विकास,


विद्यार्थियों तुम सृजनशील बनो,


राष्ट्र की तुम ही हो धरोहर ,


राष्ट्र निर्माण में देना है योगदान।


 


तुम ही कल के भाग्य विधाता,


स्व अस्तित्व से स्वयं समृद्ध बनो,


शिक्षा के संग संस्कारों को अपनाओं,


राष्ट्र उन्नति के लिए तुम काम करो।


 


आत्मविश्वास से,परचम फहराओ,


धरा में सर्वत्र फूल खिला सकते हो,


सही दिशा चुन तकदीर बदल दो,


बच्चों तुम सब कुछ कर सकते हो।


 


उत्सुकता नित बनाये रखो,


शांति, स्नेह की सरिता भी बहाओ,


मात पिता के सपनो को साकार करो,


बच्चों तुम सब कुछ कर सकते हो।


 


द्वेष को, प्रतिस्पर्धा में बदल दो,


धैर्य, सहनशीलता को सदा अपनाओ,


राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थी का योगदान है,


तुम ही राष्ट्र, विश्व के भाग्य विधाता हो।


*********************


कालिका प्रसाद सेमवाल


मानस सदन अपर बाजार


रुद्रप्रयाग उत्तराखंड


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...