वीणा पाणि मां सरस्वती
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वीणा पाणी मां सरस्वती
सुन लो मेरी करुण पुकार।
झोली मेरी ज्ञान से भर दो
दूर करो मां जीवन से अंधकार।
जन-जन की वाणी निर्मल कर दो
हर मुख में अमृत धार बहे।
हर एक प्राणी दूसरे से प्यार करें
ऐसा हो मां ये सारा संसार ।
विद्या वाणी की देवी मां तुम हो
मुझ पर भी कुछ उपकार करो।
अंहकार ना आए कभी जीवन में
करो मां मैं सबका सम्मान ।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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