माँ शारदे
तुम्हारी वंदना कैसे करूं
माँ तुम्हारी अर्चना कैसे करूं
सभी शब्दों में समाहित तुम्हीं हो
सभी रागों की प्रतिध्वनित तुम ही हो
सभी देवों कि बुद्धि विवेक दाता तुम्हीं हो ।
मांँ शारदे
तुम सत्य के आधार हो
माँ तुम्हीं ज्ञान दायिनी हो
तुम्ही विघा की भण्डार हो
तुम्हीं विवेक और सौन्दर्य हो
प्रकृति में भी तुम्ही हो माँ
माँ शारदे
तुम दिव्य स्वरूपा हो
माँ तुम्हारी मूर्त्ति को कैसे गढूं
मांँ मुझे विद्या विनय का दान दें
मुझ अज्ञानी का कल्याण कर
माँ मुझे वरदान दे, माँ मुझे वरदान दे।
कालिका प्रसाद सेमवाल
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तुम्हीं सच बताओ मुझे मान दोगी
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तुम्हें गीत की हर लहर पर संवारूँ,
तुम्हें जिन्दगी में सदा यदि दुलारूँ,
तुम्हीं सच बताओ मुझे मान दोगी,
बहुत मैं चला हूँ बहुत मैं चलूंगा,
कहीं गीत बनकर तुम्हारा ढलूंगा,
तुम्हीं सच बताओ मुझे गान दोगी।
प्रणय की निशानी नहीं रह सकेगी,
भले यह जवानी नहीं रह सकेगी,
तुम्हीं सच बताओ मुझे प्रान दोगी,
हृदय में कहो या सुमन में बिठाऊँ,
तरसते नयन है कहाँ देख पाऊँ,
तुम्हीं सच बताओ कहां ध्यान दोगी।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
पिनकोड 246171
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