कालिका प्रसाद सेमवाल

हे !माँ वीणा वादिनी


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हे!माँ वीणा वादिनी


मुझे ज्ञान का भण्डार दे,


जीवन में प्रकाश कर दे


कष्ट मेरे माँ हरण कर दे।


 


हे!माँ वीणा वादिनी


अवगुणों को खत्म कर दे,


विचलित न हो मन कभी 


काम, क्रोध, लोभ मेरे मिटा दे।


 


हे!माँ वीणा वादिनी


बहके न मेरे कदम कभी,


मुझ दुर्लभ को इतनी शक्ति देना


ईष्या, द्वेष कभी मेरे मन में न आये।


 


हे!माँ वीणा वादिनी


सबके हित में बात लिखू मैं,


बाहर भीतर एक दिखूं मैं


मुझ पर ऐसी कृपा करना माँ।


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कालिका प्रसाद सेमवाल


मानस सदन अपर बाजार


रुद्रप्रयाग उत्तराखंड


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